कल्पना और सुनील दीपक का परिचय
कल्पना के बारे में
कल्पना का जन्म 2001 या 2002 के आसपास हुआ, जब मैंने सूशा फाँट से हिन्दी में लिखना सीखा और एक किताब से वेबसाईट कैसे बनायी जाये यह सीखा। उस समय इसका नाम सृजन था और इसको बनाने का मेरा मुख्य ध्येय था कि अपने पिता स्व. श्री ओम प्रकाश दीपक के लेखन को इंटरनेट पर प्रस्तुत करूँ। 2005 में मैंने युनीकोड में हिन्दी लिखना सीखा, तब इसका नाम "कल्पना" बना कर इस रूप में यह तीन भाषाओं की वेबज़ीन बनायी।
आज चिट्ठे और वेबसाईट बनाना और भी आसान हो गया है और इंटरनेट पर हिन्दी की बहुत सी सामग्री उपलब्ध होने लगी है। उस समय इंटरनेट पर हिंदी कम दिखती थी, तब "कल्पना" का ध्येय था मेरे परिवार के और मेरी पसंद के लेखकों, कलाकारों के काम को प्रस्तुत करना। "कल्पना" का मूल मंत्र था, "सृजनात्मकता और सामाजिक दायित्व", यानि केवल अपनी सृजनात्मक इच्छा की अभिव्यक्ति ही नहीं, बल्कि उसमें सामाजिक बोध भी हो। धीरे धीरे, कल्पना पर उपस्थित लेखकों, कलाकारों को फेसबुक और ब्लागों की सहायता से अपनी बात सीधा कहने के साधन मिल गये, तो इस पर नयी सामग्री का जुड़ना भी कम हो गया। अब मेरा नया लेखन अधिकतर मेरे ब्लाग पर होता है, यहाँ कल्पना में कुछ नया मिलना दुर्लभ है।
सुनील दीपक का परिचय
मैं सुनील, कल्पना का निर्माता, निर्देशक, कलाकार, बनाने वाला, सब कुछ हूँ. यह मेरे खाली समय के परिश्रम का
फ़ल है। मैं भारत से हूँ, मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय से डाक्टरी की पढ़ायी की और मैं पिछले कई दशकों से इटली
में रह रहा था। फ़िर 2014 से अप्रैल 2016 तक भारत में असम की राजधानी गुवाहाटी
में रहा। आजकल भारत तथा इटली के बीच में समय बिताता हूँ।
मेरे काम के क्षेत्र हैं कुष्ठ रोग, विकलाँगता, गरीबी के साथ जुड़ी बीमारियाँ। पिछले दशक में मैंने वंचित व शोषित जनगुटों के साथ मिल कर सामुदायिक आत्मसशक्तिकरण शौध पद्धिति के क्षेत्र में स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ कई देशों में काम किया है। अगर आप भारत में पिछड़े वर्गों, वंचित व शोषित जन समुदायों के साथ काम कर रहे हैं और आप को लगे कि मैं आप के कार्य में किसी तरह से, विषेशकर स्वास्थ्य, शौध, प्रशिक्षण, आदि कार्यों में निशुल्क योगदान दे सकता हूँ, तो मुझसे अवश्य सम्पर्क करें। मेरा ईमेल का पता है sunil.deepak@gmail.com
अपने काम के अतिरिक्त मेरी दिलचस्पी है कला के विभिन्न रूपों में, लेखन, फोटोग्राफ़ी, पढ़ना, संगीत, इतिहास, इत्यादि। भाषा सीखना भी मेरा शौक रहा है और कल्पना की तीन भाषाओं के अतिरिक्त मैं पर्तगाली, स्पेनी और फ्राँसिसी भाषाएँ भी जानता हूँ।
चिकित्सा, विकास, विकलाँगता तथा शौध के विषयों पर मेरे बहुत से अंग्रेजी में लिखे आलेख, रिपोर्ट व किताबें हैं जिंन्हें आप निशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं।
*****