कुरबान अली का लेखन कल्पना पर हिंदी लेखक

Indian journalist and writer Qurban Aliबुलंदशहर में जन्मे और खुर्जा तथा अलीगढ़ में पले-पढ़े वाले कुरबान अली ने 1980 में पढ़ाई के दौरान ही लेखन की दुनिया में प्रवेश किया.शुरु से ही भारतीय और विदेश की अनेक पत्र पत्रिकाओं और टेलीविजन के साथ उनका सम्बंध रहा है जिनमे से प्रमुख हैं जनता, रविवार, संडे ओबसर्वर, बीबीसी विश्व सेवा, बीबीसी हिंदी तथा उर्दू सेवा, इत्यादि. आजकल वह भारतीय दूरदर्शन के न्यूज़ चैनल "डी.डी.न्यूज़" से सम्बद्ध हैं.

स्वातंत्रता संग्राम के सैनानी और नेता जी सुभाष चंद्र बोस तथा राम मनोहर लोहिया के निकट सहयोगी रहे कप्तान अब्बास अली के सुपुत्र, कुरबान अपने पिता, पत्नी, पुत्री और पुत्र के साथ दिल्ली में रहते हैं.

कल्पना पर प्रस्तुत हैं उनके कुछ लेख

नज़रिया, आतंकवाद इस्लाम नहीं है, 7 अगस्त 2006, आऊटलुक पत्रिका (हिंदी)

ये मेरा इस्लाम नहीं, 13 जुलाई 2006, जनसत्ता, और 22 जुलाई 2006, प्रभात ख़बर

ये बेशकीमती पल, 16 मई 2006, जनसत्ता, एवं प्रभात ख़बर

हमारी हालत बलि के बकरे सी थी, अप्रैल-जून 2006, विदुर

डा. राही मासूम रज़ा को श्रद्धाँजलि "उनकी ज़िन्दगी का मक़सद था हिंदोस्तानियों की तलाश", मार्च 1992, संडे ओबसर्वर (इसी लेख में स्व. डा. राही मासूम रजा के दो लेख भी हैं, "रामायण" हिंदुस्तान के हिदुओं की धरोहर है?' तथा 'फ़ूलों की महक पर लाशों की गंध')

***

Border-pic

वापस होम-पेज